गायत्री मन्त्र तथा गायत्री मन्त्रक मैथिली भावार्थ सहित...
ॐ भूर्भुव स्वः तत् सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्
"Om Bhoor Bhuvah Svah Tath Savitur Varenyam Bhargo Devasya Dhimahi Dhiyo Yo Nah Prachodayat"
"We meditate on the glory of that Being who has produced this universe; may He enlighten our minds."
मैथिलीमें भावार्थ
ओहि प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक देवस्वरुप परमात्माके हम अन्तःकरणमे धारण करी। वैह परमात्मा हमर बुद्धिके सन्मार्गमे प्रेरित करथि।
टिपण्णी सभ