राखी के मन्त्र, रक्षा सूत्र के मन्त्र, मैथिलीमे अनुवाद आदि
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
मंत्रक अर्थ : – दानव’क महाबली राजा बलि जाहि सँ बान्हल गेल छलाह, ओही सँ अहाँके बान्हैत छी। हे रक्षे ! अहाँ चलायमान नञि छी, चलायमान नञि छी
धर्मशास्त्रक विद्वानक अनुसार रक्षासूत्र बान्हैत समय ब्राह्मण अथवा पुरोहित अपन यजमान सँ कहैत छथिन्ह जे जाहि रक्षासूत्रमें दानव’क महाबली पराक्रमी राजा बलि धर्मक बान्हनमें बान्हल गेल छलाह अर्थात धर्ममें प्रयुक्त कएल गेल छलाह ओहि सूत्रमें हम अहाँके बान्हैत छी, अहिके बाद पुरोहित रक्षासूत्र सँ कहैत छथि की हे तू स्थिर रहिए, स्थिर रहिए। अहि प्रकारक रक्षासूत्रक उद्देश्य ब्राहमण द्वारा अपन यजमानके धर्मके लेल प्रेरित आओर प्रयुक्त कर’ लेल अछि
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